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अजीब लग रहा है तकनीकी ब्लॉग में यात्रा विवरण !!
फिर भी शुरू करते हैं ।
खरोरा से रायपुर बस और रायपुर से दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन तक छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति से २० घंटों की यात्रा के बाद हरिद्वार जाने के लिए दो विकल्प थे बस और ट्रेन । ट्रेन पे आरक्षण के बिना जाना पड़ता और बस से समय ज्यादा लगता तो निश्चित किया गया की ट्रेन से चला जाए शाम की गंगा जी की आरती से पहले पहुंचना जो था ।
ट्रेन के जनरल डिब्बे की वो 5 घंटे की यात्रा सबसे कष्टकारी रही और थोड़ी निराश करने वाली भी क्यूंकि जब हरिद्वार का कार्यक्रम बना तो कुछ दोस्तों ने कहा की हरिद्वार तो बूढ़े होने पर ही जाना चाहिए और ट्रेन में हरिद्वार जाने वाले कावंरियो के सिवा ज्यादातर लोग बुजुर्ग ही थे ।
पर ये ट्रेन का कष्ट और निराशा हरिद्वार पहुंचते ही छंट गयी नए जोड़े और एक दो साल के बच्चों के साथ युवा परिवार काफी संख्या में थे इतने की बुजुर्गो को नगण्य माना जा सकता था और हजारो कांवरिये भी तो थे जो 15 और 20 की उम्र के ही अधिक संख्या में थे ।
एक और दृश्य ।
पूजा तो हमने भी की,
यहाँ यह भी कहना जरुरी है की शायद गंगा नदी से जुडी मान्यताओ की वजह से या पता नहीं कोई और कारण था इस पूजा और गंगा जल के स्पर्श से मन काफी देर तक ऐसा शांत रहा की दोस्त पूछते रहे क्या हुआ चुप क्यूँ है ? पर वो अनुभव सच में ऐसी शान्ति का था जिसे बताया नहीं जा सकता ।
अगले दिन गंगा स्नान ।
सुबह से भारी बारिश हो राय थी भीगते हुए ही स्नान के लिए पहुंचे हरिद्वार में गंगा जी की धारा को नियंत्रित रखा जाता है फिर भी बारिश की वजह ऐसी तेज धाराएँ थी कि काफी देर तक तो धाराओं को ही देखते रहे, डर से नहीं विस्मय से ।
अगली बार ऋषिकेश ..........
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- नवीन प्रकाश
- खरोरा, रायपुर, छत्तीसगढ़, India
- बस एक कोशिश है जो थोडी बहुत जानकारियां मुझे है चाहता हूँ की आप सभी के साथ बांटी जाए। आप मुझे मेल भी कर सकते है hinditechblog(a)gmail.com पर .
बहुत बढिया,
ReplyDeleteबरसात में गंगा का पानी मटमैला हो जाता है।
इसके बाद बहुत साफ़ हो जाता है।
मैं तो रोज शाम शांतिकुंज के पीछे गंगा के बीच में स्थित एक चट्टान पर बैठ कर आनंद लेता था।
जै गंगा मईया की
ReplyDeleteप्रणाम
ghar baithe hame bhi ma gange ke darshan karava diye. dhanyavaad
ReplyDeleteहरिद्वार हमने भी देखा है सच में बहुत शांती मिलती है गंगा स्नान के बाद मन एक दम शांत हो जाता है | एक बात अखरती है वंहा भिखारी और चन्दा मांगने वाले बहुत तंग करते है |बहुत सुन्दर यात्रा वर्णन है | आभार |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया यात्रा वृत्तांत ,
ReplyDeletedelhi से haridwaar ट्रेन के ज़रिये जाते हुए आपको जो असुविधा हुई उसके विषय में बताना चाहूँगा की आपको साधारण ट्रेन की बजाये देहरादून-शताब्दी एक्सप्रेस से जाना चाहिए था ,सच में ये ट्रेन बहुत बहुत बहुत सुविधाजनक है ,हम इसके ज़रिये ही new delhi से haridwaar गए थे ,पता ही नहीं चला था की कैसे इतना लंबा सफर कट गया
badhiya vivran bandhu, shukriya
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